कपिल देव के बाद सौ टेस्ट खेलने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बनने की दहलीज पर खड़े ईशांत शर्मा ने कहा कि उनका टेस्ट कैरियर इतना लंबा इसलिए ही हो सका कि वह समझते थे कि कप्तान उनसे क्या चाहते हैं। ईशांत ने बांग्लादेश के खिलाफ 18 साल की उम्र में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसके बाद वह अनिल कुंबले, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेले। कौन सा कप्तान उन्हें सबसे अच्छी तरह से समझ सका, यह पूछने पर उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”यह कहना मुश्किल है कि कौन मुझे सबसे अच्छा समझ सका लेकिन सभी मुझे अच्छे से समझते थे। कप्तान मुझे कितना समझते हैं, उससे ज्यादा जरूरी है कि मैं कप्तान को कितना समझता हूं।”
उन्होंने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि कप्तान मुझसे क्या चाहते हैं। यह स्पष्ट होने पर संवाद आसान हो जाता है। अब तक 99 टेस्ट में 302 विकेट ले चुके ईशांत लिमिटेड ओवरों की टीम की हिस्सा नहीं हैं और आईपीएल में भी कुछ सीजन बाहर रहे। क्या इससे भी टेस्ट क्रिकेट में कैरियर लंबा करने में मदद मिली, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ”मैं इसे अभिशाप में वरदान की तरह लेता हूं। ऐसा नहीं है कि मैं लिमिटेड ओवरों का क्रिकेट खेलना नहीं चाहता लेकिन जब खेलने का मौका नहीं हो तो सबसे अच्छा है कि अभ्यास जारी रखे।”
उन्होंने कहा, ”मैं नहीं चाहता कि वनडे में चयन नहीं होने से टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन पर असर पड़े। कम से कम मुझे शुक्रगुजार होना चाहिए कि मैं एक फॉर्मेट तो खेल रहा हूं।” ईशांत ने यह भी कहा कि इसके यह मायने नहीं है कि अगर तीनों फॉर्मेट खेलता तो मैं सौ टेस्ट नहीं खेल पाता। शायद थोड़ा समय ज्यादा लगता। मैं 32 साल का हूं, 42 का नहीं। क्या कपिल देव का 131 टेस्ट का रिकॉर्ड उनके जेहन में है, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि 131 में समय लगेगा। मैं फिलहाल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बारे में ही सोच रहा हूं।
उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा विश्व कप है और इसे जीतकर वनडे विश्व कप जीतने वाला ही अनुभव होगा। जिम्मी एंडरसन 38 साल की उम्र में खेल रहे हैं, क्या वह भी ऐसा कर सकते हैं, यह पूछने पर ईशांत ने कहा कि, ”मैं एक समय में एक मैच के बारे में ही सोचता हूं। आपको पता नहीं होता कि आगे क्या हो। अब मैं रिकवरी को लेकर अधिक पेशेवर हूं। पहले बहुत प्रैक्टिस करता था लेकिन रिकवरी पर ध्यान नहीं देता था। उम्र के साथ शरीर का ध्यान रखना जरूरी है।”