रानीगंज BDO राजाराम के वायरल वीडियो से ली गई तस्वीर।
ग्रामीण विकास विभाग ऐसे देता है फंसने वालों को क्लीन चिट
सैकड़ों शिकायतों में 65 सही थीं, मगर बचाने का फॉर्मूला गजब
बिहार के एक प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को पैसे की इतनी कमी थी कि उन्हें एक पूर्व जन प्रतिनिधि से राशि उधार लेनी पड़ी। वह इतने मजबूर भी थे कि प्रधानमंत्री आवास योजना से भवन निर्माण पूरा हुए बगैर ही नहीं, बल्कि निर्माण शुरू होने के पहले ही 3 किस्तों का भुगतान भी कर दिया। इसी तरह बिहार में ऐसे भी BDO हैं, जिनके ड्राइवर को लोग 50 हजार रुपए घूस देते हैं। निगरानी ड्राइवर को रंगे हाथ दबोचती है। निगरानी का धावा सुनकर मजबूरी में BDO को ऑफिस से फरार होना पड़ता है। बिहार में BDO का पद भारी माना जाता है, लेकिन इनकी गरीबी और मजबूरी की यह दास्तान ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना में है। भास्कर इसे सिर्फ सामने ला रहा है।
65 BDO पर आरोप आंशिक या पूरी तरह सही पाए गए थे
बिहार की आम जनता ने ग्रामीण विकास विभाग के पास सालभर में सैकड़ों शिकायतें दर्ज कराईं। कुछ वीडियो प्रमाण के साथ भी। इनकी जांच में 65 प्रखंड विकास पदाधिकारियों पर आरोप आंशिक या पूरी तरह सही पाए गए। ज्यादातर शिकायतें काम में अनियमितता की थीं। कुछ पर गंभीर आरोप भी थे, इसलिए सभी के लिए अलग-अलग अधिसूचना जारी हुई। किसी को सस्पेंड किया गया तो किसी के एक-दो वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी गई। इन्हीं अधिसूचनाओं की भास्कर पड़ताल में ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें BDO को सिर्फ चेतावनी देकर या निंदा कर छोड़ दिया गया।
खूब चर्चित हुए दो BDO को पाक-साफ बताना चौंका रहा
जिन 65 BDO पर आरोप आंशिक या पूरी तरह सही पाए गए, उनसे जुड़ी अधिसूचनाओं की पड़ताल के क्रम में दो चर्चित BDO से जुड़ी अधिसूचनाएं हाथ लगीं। चर्चित इसलिए कि एक BDO का घूस लेते वीडियो वायरल हुआ था और दूसरे के ड्राइवर को जब निगरानी टीम ने 50 हजार रुपए घूस लेते दबोचा तो वह दफ्तर छोड़ फरार हो गए थे।
रानीगंज BDO राजा राम पंडित को आरोप-मुक्त करते विभाग की अधिसूचना।
पहला मामला 31 जनवरी 2019 को अररिया के रानीगंज का था। यहां से वायरल हुए वीडियो में रानीगंज के ग्रामीण विकास पदाधिकारी-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी राजा राम पंडित किसी व्यक्ति से नोट के दो बंडल लेते दिखे थे। BDO का वीडियो वायरल करने वाले ने इसे घूस बताया था। इस मामले में ग्रामीण विकास विभाग ने लिखा कि सक्षम प्राधिकार से स्वीकृति बिना BDO ने पूर्व जन प्रतिनिधि से उधार लिया। निर्माण पूरा हुए बगैर 3 किस्तों का भुगतान विभागीय निर्देश का उल्लंघन और लापरवाही है। इसके साथ ही स्पष्ट किया गया कि, घूस लेकर यह सब करने का आरोप बेबुनियाद, निराधार और तथ्य से परे है।
बोचहां के BDO नीलकमल को आरोप-मुक्त करते विभाग की अधिसूचना।
दूसरा मामला 5 मार्च 2019 का है। बोचहां के BDO नीलकमल के ड्राइवर को निगरानी की टीम ने 50 हजार घूस लेते दबोचा था। कहीं और से नहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय के बाहर। जो ड्राइवर BDO को कार्यालय लेकर आया था, उसकी रंगे हाथ गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम अधिकारी से पूछताछ के लिए उनके कक्ष में घुसी तो वह गायब हो चुके थे। इस मामले में ग्रामीण विकास विभाग ने इन्हें पाक-साफ बताया है। मतलब, घूस ड्राइवर को मिल रहा था।